आस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौते से रोजगारपरक सेक्टर को मिला लाभ, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े
शुक्रवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल-नवंबर में आस्ट्रेलिया से होने वाले वस्तु निर्यात में पिछले साल के अप्रैल-नवंबर की तुलना में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक प्रेफ्रेंशियल लाइंस वाले निर्यात के साथ यह निर्यात बढ़ोतरी 17.8 प्रतिशत की है। आइए पूरे आंकड़ें देख लेते हैं।
नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया के साथ किए गए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर पिछले साल 29 दिसंबर से अमल शुरू हुआ था और गत एक साल में कई रोजगारपरक सेक्टर को इस एफटीए का लाभ मिला है। इनमें मुख्य रूप से इंजीनियरिंग उत्पाद, इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद, फार्मा व प्रोसेस्ड खाद्य आइटम शामिल हैं।
आस्ट्रेलिया के साथ बढ़ा निर्यात
शुक्रवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल-नवंबर में आस्ट्रेलिया से होने वाले वस्तु निर्यात में पिछले साल के अप्रैल-नवंबर की तुलना में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस अवधि में 5.8 अरब डालर का निर्यात किया गया जबकि आस्ट्रेलिया से इस अवधि में 11.14 अरब डालर का निर्यात किया गया। हालांकि इस साल अप्रैल-नवंबर में आस्ट्रेलिया से होने वाले आयात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 19 प्रतिशत की गिरावट रही।
क्या कहते हैं आंकड़े?
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक प्रेफ्रेंशियल लाइंस वाले निर्यात के साथ यह निर्यात बढ़ोतरी 17.8 प्रतिशत की है। प्रेफ्रेंशियल लाइंस में उन वस्तु और सेवा को शामिल किया जाता है जिनके व्यापार पर दोनों देश शुल्क को खत्म या कम करने पर सहमत होते हैं। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में आस्ट्रेलिया से होने वाले फार्मा निर्यात में 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही और आने वाले समय में फार्मा सेक्टर के लिए आस्ट्रेलिया को भारत का बड़ा बाजार माना जा रहा है।
आस्ट्रेलिया से दाल और फल के आयात में हुई बढ़ोतरी
तैयार खाद्य पदार्थों के निर्यात में 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। दूसरी तरफ आस्ट्रेलिया से दाल और फल के आयात में बढ़ोतरी हुई है। भारत मुख्य रूप से आस्ट्रेलिया से खनिज पदार्थ व अन्य कच्चे माल का आयात कर तैयार माल आस्ट्रेलिया में भेजना चाहता है। व्यापार समझौते में आस्ट्रेलिया में भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए विशेष वर्क वीजा को लेकर भी सहमति बनी थी, लेकिन इस बारे में मंत्रालय की तरफ से कोई आंकड़ा नहीं दिया गया।